अनमोल गुरुकुलम्
शास्त्रों की शिक्षा एवं आध्यात्मिक ज्ञान के लिए समर्पित
🙏 सद्गुरुदेव श्री अनमोल जी का जीवन चरित्र🙏

🛕 पं.श्री अनमोल तिवारी जी का जीवन चरित्र किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यह प्रयास तो सूर्य को दीपक दिखाने के समान है। महाराज श्री के शिष्य आज देश-विदेश में केवल भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म की पताका ही नहीं लहरा रहे हैं, बल्कि श्रीकृष्ण प्रेम एवं साधना के सर्वोच्च पथ—भागवत धर्म—को जनसुलभ बनाने की अद्भुत क्रांति में भी मील का पत्थर सिद्ध हो रहे हैं।
अनमोल जी महाराज का व्यक्तित्व और आभामण्डल ऐसा है कि एक बार भी कोई अनमोल जी से मिले वो उनका ही बन जाता है, इतना प्रेम प्रत्येक प्राणी मात्र से करते है। गुरुकुलम् में अध्ययनरत छात्रों पर, गुरु सत्ता के आधीन रहने वाले शिष्यों पर ठाकुर जी की ऐसी कृपा होती है कि वे शिष्य श्रीमद्भागवत के कठिन श्लोकों का शुद्ध उच्चारण सरलता सहित कंठस्थ कर लेते हैं।श्री अनमोल गुरु जी का जन्म भगवत कृपा से 88,000 ऋषियों की तपस्थली नैमिषारण्य के समीप होना एक दैवीय संयोग है। भौगोलिक दृष्टि से यह पावन भूमि, राज राजेश्वरी माँ ललिता की सिद्धपीठ नैमिषारण्य क्षेत्र से 25 किलोमीटर दूर ग्राम पोस्ट काईमऊ, जिला हरदोई में है। पं. श्री अनमोल तिवारी जी का जन्म 11 सितंबर 1988 को भाद्रपद कृष्ण पक्ष अमावस्या, रविवार को प्रातः 4 बजे कुलश्रेष्ठ ब्राह्मण (कान्यकुब्ज) कश्यप गोत्रीय परिवार में हुआ।आपकी पूजनीय माता, श्रीमती अनीता तिवारी, अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति की हैं। पूज्य पिता, श्री नीतिप्रकाश तिवारी, समाजसेवा में संलग्न रहने वाले भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं। आपके पूज्य दादा-दादी (स्व. श्रीमती सोनावती तिवारी एवं पूज्य श्री शिवकुमार तिवारी) ने आपके बाल्यकाल में आपकी लगन और भक्ति देखकर भविष्यवाणी कर दी थी कि यह बालक आगे चलकर महान होगा।महाराज श्री अपने जीवन में जो कुछ भी प्राप्त करते हैं, उसे ठाकुर जी की कृपा मानकर स्वीकार करते हैं। आपका जीवन अत्यंत सरल एवं निर्मल है। आपकी कथनी और करनी में कोई भेद नहीं है। आपके व्यवहार में भगवत्ता का दर्शन होता है।आपने सनातन धर्म के लिए अनमोल गुरुकुलम् चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की और सद्गुरुदेव की आज्ञा से 2010 में श्री धाम वृंदावन में और 2023 में श्री धाम अयोध्या में अनमोल गुरुकुलम् की स्थापना कर हजारों छात्र-छात्राओं को श्रीमद्भागवत कथा, श्री राम कथा का प्रवक्ता बनाकर एवं वैदिक कर्मकाण्ड आदि का अध्ययन कर अपने जीवन को धन्य बना रहे हैं।भक्तों के कल्याण के लिए वृन्दावन की पावन भूमि पर देश का प्रथम 🛕भव्य श्री राधा कृष्ण होली मंदिर, भव्य गुरुकुलम्, वृद्ध माता-पिता के लिए श्रद्धा आश्रम, गौशाला आदि का निर्माण करने जा रहे हैं। आपकी कथाओं में जब भजन व भागवत के श्लोकों का गायन होता है, तब श्रोतागण भक्ति में विभोर होकर नृत्य करने लगते हैं।पूज्य महाराज श्री अनमोल जी द्वारा धर्म, भक्ति एवं सेवा के क्षेत्र में किए गए प्रयास सदैव चिरस्मरणीय एवं सराहनीय रहेंगे।आपका प्रिय शिष्य – एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट डॉ. हृदयेश कृष्ण प्रेम, दिल्ली। 🙏 किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमाप्रार्थी। 💐 जय श्रीकृष्ण, जय गुरुदेव।।